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टीएमसी ने प.बंगाल के राज्यपाल पर लगाया चुनावी प्रक्रिया में हस्तक्षेप का आरोप, आयोग ने दौरा रोका

 18 Apr 2024

पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सी.वी आनंद बोस के खिलाफ तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी)  ने गुरुवार को चुनाव आयोग में शिकायत दर्ज करायी है। टीएमसी का कहना है कि राज्यपाल लोकसभा चुनाव प्रचार के बीच बार-बार हस्तक्षेप कर रहे है। वे मतदान के दिन चुनाव क्षेत्रों का दौरा करने का प्रयास कर रहे हैं। 


चुनाव आयोग पहले ही लगा चुका है रोक

चुनाव आयोग ने बुधवार को पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस के कूच बिहार दौरे पर रोक लगा दी थी। दरअसल राज्यपाल बोस 18-19 अप्रैल को उत्तर बंगाल के कूच बिहार लोकसभा क्षेत्र की यात्रा करने वाले थे। ऐसे में चुनाव आयोग ने राज्यपाल बोस के आगामी दौरे को चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन मानते हुए उस पर रोक लगा दी। आयोग ने कहा पुलिस प्रशासन का चुनावी प्रक्रिया से ध्यान भटक सकता है।


चुनाव आयोग की सलाह

सूत्रों के मुताबिक चुनाव आयोग की और से राजभवन को भेजे गए ईमेल में कहा गया कि अगर चुनाव के दिन राज्यपाल मतदान वाले क्षेत्र में मौजूद रहेंगे तो यह चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन होगा। दरअसल कूच बिहार में 19 अप्रैल को लोकसभा चुनाव के लिए मतदान होना है। जिसके चलते चुनाव प्रचार पर बुधवार की शाम से ही रोक लगी है। इसलिए इस क्षेत्र के मतदाताओं के अलावा कोई नेता नहीं जा सकता है। ऐसे में अगर राज्यपाल जाते हैं, तो यह चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन होगा। चुनाव आयोग ने कहा 18-19 अप्रैल को पूरा जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन चुनावी प्रक्रिया में व्यस्त होंगे। राज्यपाल की यात्रा से चुनावी से गतिविधियों से ध्यान भटकेगा क्योंकि पुलिस को राज्यपाल की यात्रा से जुड़े प्रोटोकॉल पर भी ध्यान देना पड़ेगा।

दरअसल राज्यपाल ने पिछले चुनावों में हुई हिंसा के रिकॉर्ड को देखते हुए कूच बिहार जाने का विचार किया था। सूत्रों के मुताबिक, राज्यपाल बोस का गुरुवार सुबह कोलकाता से कूच बिहार के लिए रवाना होने का कार्यक्रम था और चुनाव खत्म होने के बाद शाम को निर्वाचन क्षेत्र से वापस लौटने वाले थे।


क्या कहता जनप्रतिनिधि कानून

जनप्रतिनिधि कानून 1951, की धारा 126 के अनुसार किसी मतदान के क्षेत्र में 48 घंटे पहले उस क्षेत्र में चुनाव प्रचार और किसी बाहरी व्यक्ति के आने पर रोक लग जाती है। कूच बिहार के लिए यह नियम 17 अप्रैल शाम छह बजे से लागू हो चुका है। इस दौरान चुनाव किसी भी बाहरी व्यक्ति का इलाके में प्रवेश वर्जित है। चुनाव आयोग ने सभी जिला चुनाव अधिकारियों और जिला पुलिस प्रमुखों को यह सुनिश्चित करने के लिए स्थायी निर्देश जारी किए। चुनाव आयोग ने कहा कि स्वतंत्र, निष्पक्ष और शांतिपूर्ण मतदान प्रक्रिया के लिए सभी हाई-प्रोफाइल व्यक्ति, प्रचारक और राजनीतिक कार्यकर्ता, जो उस चुनाव क्षेत्र के मतदाता नहीं है, वे बाहर चले जायें।